अधीनस्थ न्यायालय

आपका हमारी वेबसाइट rajasthanigyan.com में स्वागत है। आज हम अधीनस्थ न्यायालय से सम्बंधित विभिन्न संवैधानिक उपबंधों का विस्तार से अध्ययन करेंगे। हमारी इस वेबसाइट पर आपको राजस्थान राज्य की सभी exams में आने वाले महत्वपूर्ण Topics की आसान और सरल भाषा में जानकारी मिलती है। अधीनस्थ न्यायालय सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टि से राजव्यवस्था का एक बहुत ही महत्वपूर्ण Topic है जिसका हम अध्ययन करेंगे।

अधीनस्थ न्यायालय

किसी राज्य के न्यायपालिका उच्च न्यायालय और उसके पदानुक्रम में आने वाले अधीनस्थ न्यायालय से बनती है I ये अधीनस्थ न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीन रहकर अपने कार्य करते हैं I अर्थात उच्च न्यायालय के सभी निर्णय इन अधीनस्थ न्यायालय के लिए बाध्यकारी है I

अधीनस्थ न्यायालय : संवैधानिक उपबंध

संविधान के भाग VI में अनुच्छेद 233 से 237 तक अधीनस्थ न्यायालय के विनियमन से संबंधित है I

संविधान का अनुच्छेद 233


संविधान का अनुच्छेद 233 A


संविधान का अनुच्छेद 234


संविधान का अनुच्छेद 235


संविधान का अनुच्छेद 236


संविधान का अनुच्छेद 237

राजस्थान न्यायिक संरचना

राजस्थान न्यायिक संरचना

राजस्थान जिला न्यायालय

अधीनस्थ न्यायालय दो प्रकार के होते हैं जिसमें एक जिला न्यायालय और दूसरा अन्य न्यायालय या निचली अदालत हैं I प्रत्येक जिले में एक न्यायालय है जिसके पास जिले में अपीलकर्ता का क्षेत्राधिकार होता है I यह उच्च न्यायालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करते हैं I वर्तमान में राजस्थान में 36 जिला में सत्र न्यायालय हैं I राजस्थान उच्च न्यायालय का मुख्यालय जोधपुर में इसकी एक पीठ जयपुर में भी है।

जोधपुर पीठ के अंतर्गत जिला न्यायालय 

बाड़मेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर मेट्रो, जोधपुर नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, श्रीगंगानगर, उदयपुर

जयपुर पीठ के अधीन जिला न्यायालय

अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर मेट्रो, झालावाड़, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक

अधीनस्थ न्यायालय : सरंचना

अधीनस्थ न्यायालय

अधीनस्थ न्यायालय के पदानुक्रम में सबसे नीचे पंचायत न्यायालय आता है हालांकि इन्हें आपराधिक न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले न्यायालय नहीं माना जाता है I

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