आपका हमारी वेबसाइट rajasthanigyan.com में स्वागत है। आज हम राज्य का मुख्यमंत्री से सम्बंधित विभिन्न संवैधानिक उपबंधों को विस्तार से पढ़ेंगे। हमारी इस वेबसाइट पर आपको राजस्थान राज्य की सभी exams में आने वाले महत्वपूर्ण Topics की आसान और सरल भाषा में जानकारी मिलती है। राज्य का मुख्यमंत्री सभी परीक्षाओं के दृष्टि से एक बहुत ही महत्वपूर्ण Topic है जिसका हम अध्ययन करेंगे।
राज्य का मुख्यमंत्री
भारतीय संविधान ने राज्यों को केंद्र के समान ही संसदीय शासन प्रणाली प्रदान की है I इसके अनुसार राज्य में राज्यपाल केंद्र में राष्ट्रपति की तरह नाममात्र का कार्यकारी अधिकारी होता है जबकि राज्य का मुख्यमंत्री केंद्र में प्रधानमंत्री की तरह वास्तविक कार्यकारी अधिकारी होता है I अर्थात राज्यपाल राज्य का मुखिया होता है जबकि मुख्यमंत्री राज्य सरकार का मुखिया होता है I
मुख्यमंत्री की नियुक्ति
हालांकि संविधान में मुख्यमंत्री की नियुक्ति की कोई निश्चित प्रक्रिया का प्रावधान नहीं है इस संबंध में केवल अनुच्छेद 164 में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति गवर्नर द्वारा होगी इसका मतलब यह नहीं है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति के संबंध में स्वतंत्र है I संसदीय प्रणाली के परंपराओं के अनुसार राज्यपाल को विधानसभा की बहुमत वाली पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करना होता है I
जब विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति के संबंध में अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकता है I इस स्थिति में सामान्यत राज्यपाल विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता को या गठबंधन के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकते हैं और उन्हें एक माह के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करना पड़ता है I
यदि किसी पदस्थ मुख्यमंत्री की मृत्यु हो जाती है और कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी नहीं है तो मुख्यमंत्री अपने विवेक से किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता है। परंतु आमतौर पर मुख्यमंत्री की मृत्यु के पश्चात सत्तारुढ़ पार्टी एक नए नेता का चुनाव करती है तथा राज्यपाल के पास उसे मुख्यमंत्री नियुक्त करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होता है I
संविधान के अनुसार यह आवश्यक नहीं है कि किसी सदस्य को मुख्यमंत्री नियुक्त करने से पहले बहुमत साबित करना हो राज्यपाल पहले किसी सदस्य को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है उसके बाद एक तय समय सीमा के भीतर बहुमत हासिल करना होता है न कि पहले I
कोई व्यक्ति जो राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है उसे भी मुख्यमंत्री नियुक्त किया जा सकता है परंतु 6 माह के भीतर उसे किसी भी सदन विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता लेनी अनिवार्य है। मुख्यमंत्री आमतौर पर निचले सदन (विधानसभा) के सदस्य को नियुक्त किया जाता है परंतु कुछ मौकों पर ऊपरी सदन (विधान परिषद) के सदस्य को भी मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है I
मुख्यमंत्री : शपथ, कार्यकाल और वेतन
- राज्य का राज्यपाल उसे राज्य के मुख्यमंत्री को शपथ दिलाता है I
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल निश्चित अवधि का नहीं होता वह राज्यपाल के प्रसादपर्यंत मुख्यमंत्री पद पर बना रहता है परंतु जब तक उसे सदन में बहुमत प्राप्त है तब तक राज्यपाल उसे बर्खास्त नहीं कर सकता।
- मुख्यमंत्री के वेतन और भत्ते राज्य विधानमंडल द्वारा निर्धारित किए जाते हैं I
मुख्यमंत्री : शक्तियाँ एवं कार्य
मंत्रिपरिषद के संबंध में
राज्यपाल के संबंध में
राज्य विधानमंडल के संबंध में
अन्य शक्तियाँ
- मुख्यमंत्री राज्य योजना बोर्ड का अध्यक्ष होता है।
- मुख्यमंत्री अंतर-राज्यीय परिषद तथा नीति आयोग की परिषद का सदस्य होता है। इन दोनों का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
- मुख्यमंत्री संबंधित क्षेत्रीय परिषद का उपाध्यक्ष होता है।
- यह राज्य सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है।